हाथ में पुष्प और अक्षत लेकर मन्त्रोच्चारण करें .
श्रीमन्नन्दीश्वराय नम: .
श्रीमन्कार्तिकेय नम: ..
श्री नन्दीश्वर महाराज को नम्स्कार है . श्री कार्तिकेय महाराज को नम्स्कार है .
पुष्प व अक्षत नन्दीश्वर महाराज को स्थान दिया है वहाँ रख दें . पुष्प व अक्षत कार्तिकेय महाराज को स्थान दिया है वहाँ रख दें .
सप्तोपचार पूजन
ॐ अर्घ्यं पाद्यं आचमनीयं च समर्पयामि .
ॐ अर्घ्य के लिये और दोनों चरणों को धोने के लिये जल अर्पित है .
आचमनी से तीन बार जल चढ़ायें . दोनों चरणों के धोने के लिये, त्रय तापों से मुक्ति पाने के लिये अर्घ्य एवं मुख धोने के लिये जल समर्पित है . ऐसा भाव रखें .
ॐ गन्धं समर्पयामि .
ॐ चन्दनं समर्पयामि ..
ॐ गन्ध ( रोली, सेन्ट) और चन्दन समर्पित करते हैं .
रोली चन्दन छिडकें .
ॐ पुष्पं समर्पयामि .
ॐ पुष्प अर्पित करते हैं .
पुष्प चढ़ायें . हे प्रभु उत्तम दिव्य पुष्पों को स्वीकार करिये .
ॐ धूपं दीपं च दर्शयामि .
ॐ धूप व दीप दिखाते हैं .
सूँघने योग्य धूपबत्ती अर्पित है कहते हुए अक्षत छिडकें . उत्तम प्रकाश से युक्त और अन्धकार दूर करने वाला दीपक है . इसे स्वीकार करिये . दीपक की ओर अक्षत छिडकिये .
ॐ नैवेद्यं समर्पयामि .
ॐ प्रसाद समर्पित है .
पात्र में जो नैवेद्य रखा है वह श्री नन्दीश्वर व कार्तिकेय महाराज को अर्पित करें . ऐसा भाव रखें कि फल, मेवा व मिष्ठान देवगण प्रसन्न हो कर पा रहे हैं .
ॐ आचमनीयं मुखशुध्दे आचमनीयं जलं समर्पयामि .
ॐ पीने के लिये पानी और मुखशुध्दि के लिये जल समर्पित है .
दो बार आचमनी से जल चढ़ायें . ऐसा भाव रखें कि भगवन् ने जल प्राप्त कर लिया .
ॐ नमो श्री नन्दीश्वराय नम: .
ॐ नमो श्री कार्तिकेयाय नम: .
ॐ नमस्कारान् समर्पयामि .
ॐ श्री नन्दीश्वर को नमस्कार है . ॐ श्री कार्तिकेय को नम्स्कार है . ॐ नमस्कार अर्पित है .
हाथ में पुष्प लेकर नमस्कार करते हुए पुष्प श्री नन्दीश्वर व श्री कार्तिकेयजी के सन्मुख रख दें .
श्री नन्दीश्वर एवं श्री कार्तिकेय पूजन